शुक्रवार, 27 जून 2014

पान खा कर ,गुटका खा कर परिसर का गंदगीं करना

 आज पता चला की हाईकोर्ट परिसर में पान खा कर परिसर के अंदर गन्दगी  फैलाना ।
    यह कर के माननीय न्यायाधीश ने जो आदेश दिये वह बहुत ही अच्छा लगा, पर माननीय न्यायाधीश से
निवेदन है कि प्रदेश के प्रत्येक कार्यालय व अन्य अदालतें परिसर में भी यह व्यवस्था लागु हो । 
 ज़िला परिसर के बहुत कार्यालय में पान खा कर इस प्रकार गन्दगी की जाती है, जैसे यह इन का जन्म सिद्द 
अधिकार है, इस लिये सभी जगह जुर्माना भर ने का  आदेश। लागु किया जाये, यही एक विनती है

सोमवार, 23 जून 2014

रेल किराये में वृद्धि


बहुत ही कष्ट हुआ कि रेल किराये में जब वृद्धि हुई पर यह वास्तविकता हमें अभी बहुत जगह वस्तुओं पर कर वृद्धि देख 
नी पड़ेगी ,पर क्या कर सकते हैं ! 
    कांग्रेस ने देश को पिछले १० साल में हर जगह एक गहरा गड्डे  खोद दिये जो इस सरकार को  भरने में समय लगेगा ।
         जो लोग रोज़ धरने प्रदर्शन कर रहे हैं , वह कया दिखाना  चाहते हैं, कुयूं हल्ला मचा रखा है, जब कांग्रेस ने
गर वस्तु के रेट बढ़ाये तब यह़ लोग इसी तरह से बढ़ोतरी वस्तुओं पर होती थी , तब आगे बढ़ कर सब की आवाज,से 
आवाज़ क्यों नहीं उठाई, तब इतना कष्ट क्यों नहीं हुआ, 

यह कांग्रेस सरकार के कष्ट तो पुरे देश को झेलने पड़ेंगे , अपनी कमियों के काम इस सरकार पर दबाब डाल कर देश के
अनदर विरोध निती से अराजकता का माहौल कर रखा है, क्या किसी र्ेल के डिब्बे में कोई मन्त्री जा कर मुआयना कार्यकाल में 
किया कि जनता को क्या तकलीफ़ है, तब कुछ बात होती थी तो साम्प्रदायिक बातों की उल्लेख कर के अपनी कमियों को
पिछली सरकार छुपाती रही सोच रहे थे देश के लोग तो अनपढ़ हैं , पर यह नहीं सोचा देश जाग चुका है, अगऱयह सच,नहीं तो 
क्या है,तो कांग्रेस को यह हार देखनी पड़ी।

 यह लोग काला बाज़ारी रेल के अन्दर रेल में होती थी  नहीं रोक पाये, १००/- से १०००/-₹ तक ऊपर दे कर यह यात्रा करने मजुबत किया , गर आज कोई रेल किराये में यह थोड़ी सी वृद्धि हुइ तो कोइ आश्चर्य नहीं, महगंाई के 
इस रुप को झेलाने के लिये आगे भी तैयार रहना होगा यह सत्य है ,अब कांग्रेस या कोइ पार्टी विरोध करती है तो मान लो यह
अपनी गलतीयों को दुबारा दुहराने को तैयार है ,,,इन से सावधान रहना होगा, कांग्रेस की ग़लतियाँ  ही आज हम सब को 
कष्ट दे रहीं है
   क्या अब भी इस का साथ देंगे


 

इस का़ शीर्षक बता़ई ये



खिलती रोशनी सामने रंगे बिरगें मैदान भयानक सा लगने वाला पतला सा पहलवान ,एक जो जगंल राजा था , वहँा एक
डायन थी, तभी आवाज़ गुंजी मेरी बीबी से बचाओ , सब चोकं गये कुछ भाग गये आबाज शमशान से आ रही थी , नयी नयी 
पुलिस चोकी बनी थी थानेदार कुछ पुलिस वालों को ले कर गया , सामने एक भयानक चेहरे वाला कोई शैतान था , थानेदार बोला रे तु क्या कर रहा है चोरी चोरी वह बोला मैं जगंल का बादशाह हुँ, थानेदार बोला लग तो कमीना रहा है, उस ने,कहानी सब एक से ही तो हैं थानेदार ने पुलिस वालाें से कहा तलाशी लो ओऱ करो अन्दर,पुलिस वाले आगे बढ़े उस का पकड़ा उस के हाथ में 
खुनी पंजा था वह शराब के नशे में था ,और कह रहा था मैं ही इन्सान हुँ मैं ही कयामत़ हुँ  सब को गीदड़ों की तरह डराता हुँ, सामने एक महिला की लाश थी , पुलिस वालों ने मुआएना़ किया बोले यह तो पर अत्याचार कर के अपने तो बेगुनाहा बता रहा है।
    आईयेइस के तहखाने में चले बहुत ही अजीब जगह ही थी एक कमरे के बाहर लिखा था ग़दर एक हैवानियत की कथा
दुसरे कमरे बाहर लिखा था कि दिल हमारा दर्द  किसी और का , वहीं दो गंज ज़मीन के पास एक हसीना की  बेइनतहा नवजात क्मसीन लाश थी वह कह रही थी ना  मैं ओरत हुँ  , जिसे तु अबला कह सके ना  मैं मर्द हुँ , जिसे तु ना मर्द कह सके , मैं नरकिसतान की महारानी हुँ। पुलिस वाले यह सब देख कर बेहोश हो गये , थानेदार के खुन का पानी हो रहा है।
     महारानी दहाड़ उठी देवदास तु पकड़ा गया आ देखु कितना बड़ा शराबी है , आ तुने मेरा दिल तोड़ा है अब इस अंधेरी 
रात में कितना मर्ज़ी  बिन्द्रा की तरह हँसता रह और इस तरह तु हँसते हुये अपने पापों  को याद कर कि एेसी मोत कफ़न 
फाड़ कर मेरी अर्थी पर तु लेटेगा वरना तेरी रुह को एेसी तड़पती मोत का रास्ता दिखा दूँगी कि कभी ना कह सकेगा कि
मुझे कुछ कहना है, क्योंकि  मैं तेरी बीबी ऩ १ हुँ तुझे उस जन्नत की सैर कराउगीं कि तेरे अलवा तेरे से कोइ ना डर सकेगा  ।
      आ मेरे पास आ पहले इस खुनी हवा महल की परिक्रमा कमा तुझे सातसो जन्मों का वास्ता सात हज़ार जन्मों तक 
यहीं लटका रहेगा खुनी परिंदे तेरे करेगें प्यार बोल क्या चाहता है अगर तु मेरा हमदम मेरा दोस्त बन कर मेरे तलबें
चाटेगा तो लोग क्या समझेगें  तु क्या चीज़ है औरतुझे इस महल के दरवाज़े का सरंक्षक बना दुगाी  ओर बाहर इस के जो 
सड़क पर गंदा पानी है शराब समझ कर पीना है जब तुझे एक दिन बिचछु  काटेगा वह तो बेमोत मारा जायेगा तेरी शराब का 
नशा उतरेगा पर जब तु होश में आयेगा तब तुझे एहसास की तु कभी किसी की दिल ना तोड़ेगा पर क्या करुं तेरी क़िस्मत 
में सुख नहीं , लोग तुझे फ़रार मुजरिम समझ,कर समुनदऱ के अन्दर फैंक देगें पर मछलियों को भी तेरे से़ डर लगेगा ,तेरी मोत जब होगी तब शैतान नगरी के लोग़ गाना गायेगें ,हसीनाओ़ जुते मारो एक़ कमीना और आगया गाती तुझे ले,जायेंगीं ! 
   तभी आसमान से गरजना उठेगी मौसम साफ़ हो जायेगा ,थानेदार को होश भी आ जायेगी

रविवार, 22 जून 2014

महगांई ,,, बिजली,,, पानी,,,अच्छे दिन आ गये

 


बहुत दिनौं से सुना देखा आवाज़ आती  रहीं कि अच्छे दिन आने वाले हैं, मोदी जी आ रहे हैं, यह शब्द
लोगों को काट रहा है, कुछ मज़ाक़ उड़ा रहे क्यों कि देश की एक एेसी मिडिया जिस को लोग  चाहते  नहीं  उसकी
हालत पतली हो गई है , वह आम नागरिक के अन्दर ग़लत सन्देश दे रहें  और कुछ राजनैतिक दल जिन को जनता ने
उखाड़ फैंका वो देश के अन्दर की व्यवस्था का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं, उन को नहीं पता वह आगे आने वाले समय के 
अपना वर्चस्व ख़त्म कर ने कि तैयार है ।
     कया कांग्रेस वाले यह क्यों कहते थे कि जब उन की सरकार आयेगी तब वह़ विकास करेगें , महिलाऔं  को 
सम्मान दिलवायेगें , तो यह़ कांग्रेस के सपोर्टर बतायेंगें कि वह सरकार किस की थी अगर कांग्रेस की नहीं थी , तो 
उन को उस समय इस महगंाई भरहसटाचार पर बोलते  और उस सरकाऱ पुतला जलाते समय उन को अपंग  क्यों
रहना पड़ा जब भी देश के अन्दर सरकार नाकाम रहती है तो पुरा देश उस के अन्दर लपेटे में आता है तब वह लोग कहाँ
थे जो आज छाती कुटीर रहे हैं मिट्टी का तेल बरवाद कर रहे है, कया जब बी जे पी वाले महगांई की मार झेल रहे थे यह 
सुखी कैसे थे क्या कांग्रेस के अन्दर जो घोटाले हो रहे उस का कमीशन इन लोगों को मिलता था कि इन की छाती
इस क़ाबिल इस लायक नहीं कि देश में उस समय कुछ भी हो उस को नहीं कुटेगें नहा ही ज़ुबान खोलेगें कि कहीं देश की
बाक़ी जनता का भला ना हो जाये, देश के अन्दर आंतकवादी देश जो कर रहे हैं वह इन के भले के लिये है ,अब वह ज़ुबान क्यों खुली अब इन को महगंाई कहाँ  से दिखी क्या जब अन्धे थे अब ख़ुद देखो मोदी जी के आने से अच्छे दिन आये 
या नहीं अन्धों को आँखें मिल गयी बहरों को कान सुन ने लगे अपंग थे कुछ अपंगता ग़ायब हुई पर यह देश के लिये 
आई है ज़रा यह तो बताओ कि क्या भुखमरी इतनी आ गई ।
     देश के अन्दर  इस अन्दर इतना गहरा गढ्ढा इस कांग्रेस ने उस के सहयोगियों  ने करें  हैं क्या यह कुछ दिनौं 
मे भरा जा सकता है, क्या यह आसान है कि आग लगने पर जो लपटे उठती  है उस को बुझाने के लिये बहुत मेहनत करनी
पड़ती है  जो पिछली सरकार देश के अन्दर लगा गयी वह अनपढ़ उस सरकार के बफादार आज भी अन्धे हैं ओर देश को
खड़ा होने में सहयोग नहीं कर रहे  ओर आग लगा कर देश के अन्दर अराजकता , जातिवाद , महगंाई जैसे मुद्दों
 को कम करने की जगह  बढ़ावा दे रहे , जब पेट्रोल ओर डीज़ल  की दर बढ़ने पर कहते थे कि अन्तर्राष्ट्रीय दरो  रेट  बढ़ने से देश की अर्थ व्यवस्था में महगंाई बड़ी तो अब इन की ज़ुबान यह कहते क्याें ज़ख़्मी हो रही है
    अभी कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने कहा था कि हमारे कामों को जो  छोड़े गये है तो उस का विरोध होगा , ताे आज सरकार का सहयोग की जगह विरोध कुयूं , मोदी जी ने तीन महा का समय मँगा तो भी सहयोग नहीं कुयूं ज़ुबान  के ज़ख़्मी
कर के अपनी नकारमकता का परिचय दे रहे हैं 
 सही बात़है जो काँटे कांग्रेस वो गइ है उन को काटने समय लगेगा तब तब तो हम सब को सहयोग देना ही है,तब ही अच्छे दिन आयेंगे
 
बर 
 वे 

गुरुवार, 5 जून 2014

क्या हम यु पी पलट सकता है

आँच जो महिलाऔं पर आ रही है  पर क्या पलट सकते है हमारे नेता जी और मानयवर अखिलेश जी के अन्दर
बदलाव आया मुझे एहसास हुआ कि आज एकाएक पुरे प्रदेश एलान किया गया कि जो भी महिलाओं काअपमान करेगा
उनकी हत्या करेगा उस का वो अनंजाम होगा कि उसकी सात पुस्ते तक काँप जायेंगीं , सभी लोगों का दिलपलट 
जायेगा, हर जगह उन की जय जय हो रही है, सभी के आँसु सुखते जा रहे हैं।

     सवेरे जब आँख खुली ताे सामने अख़बार पडा़ था उस पर हैड़ लाइन थी कि  अमेठी  और एटा के
अन्दर भी लड़कियों का रेप और उन की हत्या , सरकार के बयान और भी शहरों के अन्दर कोइ नहीं देख रहा ,
क्या हमारी सरकार हर काम पड़ोसी देख कर करने है तो उन प्रदेश के अच्छे काम भी हाेतें है वह नज़र अन्दाज़
कुंयु कर रहे हो ,क्या मान ले कि प्रदेश राजनिती की चपेट में रहे और इस के अन्दर विकास ओर महिलाऔं
पर अत्याचार नहीं रुकेगा , सब बच्चों के रोज़ छाती से लिपटा कर रोयें , सवेरे लड़कियो घर से पड़ने जाये
शाम को पर अत्याचारीयों के अत्याचार की बातें सुन कर सब घरों मे काेहराम में मचे  और सरकार मिडा़या 
और ऊन लड़कियों पर ही उलटा आरोप लगा दें ,क्या हम सब को इन बातों को सहने के लिये जीना होगा, क्या यही 
समाजवाद है  तो जो समाजवाद में  बताया गया इस के मार्ग दर्शकों की बात क्या ग़लत थी और आज का समाजवाद,क्या मानें,क्या कभी प्रदेश की व्यवस्था पलटेगी