रविवार, 30 नवंबर 2014

पांखडीयो का फैलना

हमारे देश मे हर धर्म मे पांखडीयों का बोल बाला है  बस यह समझा जाये हिनदु धर्म मे जयादा है

        इन पांखडीयो को हम सब ही तो बढ़ावा दे रहे है, वह हम सब को इतना मन मे मोह लेते है , हम सब अपना
बुरा भला तक भूल जाते है, यह नही सोचते की यह साधु /पंडित/ बाबा/ हम को पयार कितनी दूर ले जा कर छोड़ते 
हैं  वह रासता इतना कँटीली झाड़ियों से बना होता है कि हम सब दो राहें पर खड़े हो कर सोचते है कि घर जाऊँ  या
या इन लोगों को जीवन सम्परण कर दुँ  जब कि यह ज़ौक़ की तरह हम लोगों के बीच चिपट जाते हैं , हम सब को गुरु 
दक्षिणा दे कर अपना बना ने मे कोई कसर नही छोड़ते ,दुसरा जब हम इन के चेले बन जाते है तो बस दिमाग मे गुरु 
ओर गुरु का अपमान नहीं होना चाहिये  ओर कुछ गुरु जो निस्वार्थता का फ़ायदा हम लोगों से उठाते है ,हम लोग चाहे तो 
तब तक यह महान हो जाते देश के कर्णधार भी इन के साथ हो लेते है ,बस हम सोचते है कि अब जब नेता अभिनेता भी 
इन क् साथ है तब हम भी अब जीवन इन को सोप दे ओर यही वह क्षण  होते है जब यह गुरु लोग वे सब काम कर लेते 
है जो देश हित में नही ,माया रुपी जंजाल इन का बहुत बड़े ज़हरीले अजगर की तरह कब किस को डँस ले पर कोई 
बचे तो कैसे बचे पर कोई फँस कोइ बच गया तो उन के लिये यह प्राण घातक हो जाते है, अब इन का बचना मुश्किल है 
तब देश के होनहार महापुरुषों को आगे करने रासता निकाल कर हज जाते है ।

          चला ओ केस कया होगा ,कानुन मे बहुत बारिकयों का यह फ़ायदा उठा कर मसत रहते है ,जब बापु के 
सहारे चलने वाले कुछ नेता एेसे भी रहे सरकारी ज़मीन मुफत मे पा ली, कुछ टी वी पर परचार कर के स्वयम्भू हो
जीते अब कया कानुन विगाडेगा ,अब तो जो ज़ख़ीरों  का बेताज रामपाल मिला इस के पीछे भी कोइ ना कोइ तो होगा 
,वरना इतना बारूद कैसे पहुँचा ? 

            साधु समाज भी इन से दूर रहता है,क्योंकि कोन बीना बुलाये मोत को करीब बुलाये ।
   आम भखत तो अपनी जान तक देने को तैयार है ,पर उस बेचारे कोकया पता यह जल्लाद तेरी आड़ मे कितने जीवन 
बरवाद कर रहा है ,देश को लुट,रहा है , 
सब से पहले आज,के समय मे हम सब को सोच पलटनी होगी ,अन्धा विशवास हटाना होगा , हर साल कोइ ना कोइ साँप कब अपनी केंचुली पलट कर हम सब को लुट,लेता है ,समझदारी कायम रखनी होगी , जबसहम इन के जाल मे नही फंसेगें तब ही यह पाखण्डी गायब  होगें । 


शनिवार, 22 नवंबर 2014

किस आफ लव



आज कल ना जाने कया हो गया पश्चिम सभ्यता का असर भारत मे कयों लोगाें पर सिर पर चढ़ कर बोल रहा है

         यही लडके लडकियां कुछ दिनों पहले हाथ मे मोमबत्तियाँ लेकर बलात्कार ओर महिलाओ पर होने वाले  अत्याचार 
के खिलाफ देश की सड़कों पर  न्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे थे ।

          आज अचानक न जाने कयों यह किस आफ लव के पीछे लग गये, कोन इन को भारत की सभ्यता से
दूर कर रहा है ,के। इन नौजवानों को गुमराह कर के खुद चैन की नींद सो रहा है। कैसे है इन के माँ बाप इन को रोक 
नही पा रहे या पहले वह भी बनद कमरों मे इस सभ्यता को समाप्त कर के की कया फ़ायदा हम माँ बाप कासममान करे 
आज उन्हीं की पीड़ि ने यह क़दम उठाये ,कुयू ?कयामिलेगा उन को अपने आने वाले समस पर कया आज के यह 
नौजवान जो समाज मे बेहुदगी फैला रहे है , कया उन के बचचे उन के आगे यह सवाल खड़ा नही करेंगे , कि तुम ने किया 
तो हम कुयू ना करें , कया जबाब होगा इनका?

             जिस परकार समाचार पत्रों  मे इन के किस की तस्वीर आम पब्लिक के सामने बेहुदगी करते छपी ,कया 
वह उचित थी , कया जब वह लडकी अकेले मे जायेगी कोई लड़का उस पर बदतमीज़ की आवाज़ें देगा कया करेगी 
वह कहाँ पुकार करेगी ,कानुन भी कई बार मजबूर होता है, क्योंकि कानुन को ठेगां तुम ने ही दिखाया ।

              शायद,कुछ लडकियां इस परकार के कार्य के बाद कुछ लड़कों के  फबतियाँ व आपत्तिजनक कार्यों  की 
शिकार हो चुकी है ,कया उन को नयाय मिल सकता है, कया इन के कालिज वाले इन को रोक पायेगें ,कया होगा ।

             इन के इस कार्य से छोटे क़स्बों  व गाँवों मे अचछी शिक्षा पाने का अधिकार खोती जा रही हैं, क्योंकि वहाँ 
के लोगों की नजर मे शहरी लोगों पर से विशवास उठ गया है , सरकार कया करेगी ,जब खुद ही लड़का लडकी 
गलत मार्ग पर चल रहा हो ,किसी लडके की बहन भी उसी परकीरसकर रही हो तो कया वह कैसे देख सकता है,कया उस कि
आतमा उस को धिककार नही देती ,काँसे इन नौजवानों ने बनद कमरे से निकल कर अपनी इसभयता की परिचय दिया ,कया विदेशों मे संदेश दिया ? विदेश के लोगो पर जो भारत की सभ्यता का सममान था , कया गिर नही ?

          जिस ने भी इन नौजवानों को यह मार्ग दिखाया कया उस को इस बात का फल नही मिलेगा , कैसे वह जबाब देगा 
यही चिंगारी उस के घर मे लग जाये ,कया करेगा किसी का, कया जबाब होगा उस के पास,कया फिर कहेगा जा बेटी  अब हो गया है/ तुने कर लिया है तो पीछे मत हट ,शुरु हो जा? कया कर सकेगा एेसा ,कया इन बचचों की माँ  की ममता को हो गया 
बचचों को अचछी शिक्षा ओर संस्कार ना दे पायी  बचचे हाथ से निकल गये ।तब कया किसी से कुछ,कह सकती है ।

            आज क् नौजवानों अपने लड़खड़ाते क़दमों पर अंकुश लगाना होगा, वोटों की ख़ातिर गलत मार्ग पर चलने वालों 
की बात को नकारात्मक होगा , कुयू की तुम्हारे आगे बहुत बडा समय है, सालों साल जीना है । 

            इस जीवन को जीने केलिये अचछे मार्ग पर चलने के लिये अपने क़दमों को सही मार्ग पर ले जाना ही उचित है ।
पयार कोइ गुनाह नही ,पयार सड़कों पर सैकस की तरह नही किया जाता,पयार का सममान करो ,तभी पयार को पयार से जी सकते हो  ।

गुरुवार, 20 नवंबर 2014

बाबा ओर सन्त




आज,कल देश के अनदर बाबाओं का बहुत बडा जाल है ,पर हमलोग खुद है जो इन के जाल मे फँसते है ,

       इन बाबाओं का सब से बडा काम है मीठे मीठे प्रवचन देना ,कुछ छोटे मोटे एेसे काम कर देना कि भक्त 
उन के जाल मे फँस जाये , उस को अपना बनाने से पहले सारे दाम भेड़ दंग सब बातें  एेसी करते हम लोग 
इन के मोहमाया जाल मे फँस जाते , यहाँ की देश के नेता अभिनेता तक इन के भकत हो जाते है गलती से
घर मे कोई महिला इन को भगवान की पुजारन मिल जाये या कष्टों के अनदर तो समझो इन को चोदहवी का
चाँद मिल गया हो , जैसे एक है निर्मल बाबा भकत  से फिस जमा कराते है फिर कषट पुछा जहाँ  उस ने का 
मिठा नही खाता बस लपेट लिया अरे कया करा जीवन मे मिठास लाओ तुरनत बाहर जाओ जलेबी खाओ ओर 
खिलाओ बस बुरा समय टल गया चाहे वह सुंदर का मरीज,है बाबा जी ने कहा तो मानना ही पडेगा, एेसे ही 
एक महापुरुष है बेटा तुम भगवान को नहीं मानते तो कोई बात नही हम हैं ना डरो मत हम भगवान तक तुम्हारी 
बात पहुँची देंगे ,बस भकत ने सोचा जो हम टाइम के कारण नही कर सकते बाबा जी कर के लो गुरु जी ५०,०००/- 
काम हो जाये बाक़ी बाद मे , पर इन सब बाबाओं का एक बहुत अचछा काम है जो हिनदु लोग बहुत विशवास करते है
गुरु का अनादर मत करो गुरु को कोई गाली दे उस को मार दो पर गुरु का अपमान न हो पाये ,उस के लिये 
भक्तों को गुरु दिझा देते है , अब गुरु चेले के बीच मे कोईनही ,भगवान तक कोइ बात करनी हो तो बस गुरु ,चेला 
बाबा का अन्धा भकत यह भी वैसे ही है जैसे किसी को नेता जी से मिलना हो तो उन का भी चेला होता है ,उस के
अलावा कोई नही , अब बाबा कछ भी करे कोई भी नही बो सकता क्योंकि गुरु का अपमान नही हो सकता ,इन्हीं कारणों 
से यह बाबा जो भी कुछ करे कोई नही बोलता ,अब देश के अनदर इन का बोल बाला होता ,पर अन्धे भकत यह नही 
सोचते कि उन को लुटा जा रहा है ,कया कया हो जाता है, कानुन भी कुछ करने मे अहम हो जाता हा जब कोई उन के कुकरृतयो के खिलाफ नही बोलता ,बाबा को गलती से कानुन केफंदे फँस जाने पर रोते है ,मैंने भी गुरु दक्षिणा ना ली कहा गया अब गुरू जी तुम्हारे बीच कोइ नही पर मेरा मन नही माना भगवान से बडा कोई नही ,माता-पिता ही गुरु हैं
पढ़ाई  तो शिक्षक ही गुरु है , तब तो कभी नही कहा गया ,भगवान को न मानो , सही है गुरू बनाओ पर एेसा गुरु ना हो कि करम काे गलत रास्ते पर ले जाये ,खुद इतना अमीर की कोइ दुख ना आये उस के पास ओर भकत इतना गरीब की 
कोई कुछ उसकी सहायता न करे ,यह अन्धी भक्ति हम को दुरसहटानी होगी, गुरु तो नानक देव जी भी है ,उनकी भकति की जाये,गुरु ब्रह्मा गुरु विषणु गुरुमह्श का धयान रख कर जीवन का यापन कर सकते है ,

  सहम को किसी भी अन्ध विशवास मे डुब कर अपनी जीवन अंधकार मे नही जालना चाहिये ,वरना यही होता है चिड़िया चुग ई खेत अब पछताये कया होत , आज,के इस समय मे बहुत सोच समझ कर चलना चाहिये 

मंगलवार, 18 नवंबर 2014

भीड़

कल देखा एक नेता जी सड़क पर खड़े थे अजबीवो गरीब हरकत कर रहे थे ,कभी हाथ गाल पर कभी सिर पर कभी 
पर चला रहे थे कह रहे थे मुझे पहचानो मै कोन हुँ 
        एक भिखारी जा रहा था तुम तो मेरे बिछड़े हुये भाई हो आजा जो कुछ नया कर दे 
          तुम को हम को लोग पहचान ले ,मै भी कभी तुम्हारी तरह दुसरो को कहता था आज कोई नही पुछता बस 
आदत से मजबूर हर चोराहे पर कितना कहता हुँ पहचानो मैं कोन पर कोई नही पहचानता ,वकत की बात है
अब दुसरों  पत्थर नही मारता 

          पर तुम कया हो यह तो बता दो कह रहे हो पहचानो कभी कहीं गये , जबाब मिला विदेश गया कोई दिखा नही 
तब से सोच,रहा हुँ जिन को कोई नही जानता लाखों उन को गले लगा रहे हैं ,कया वह भीड़ अपने साथ ले जा रहे है

          जबाव मिला बस यह समझ ले आज तुम के हम ने पहचान लिया यही बहुत है भिखारी ही भिखारी को पहचानता है
          जाओ घर पर आराम करो ,गलती से सम्पर्क किसी सपनो मे विदेश से होगया ,किसी जगंल मे घुम कर आये हो 
जहाँ कि बात करते हो वहाँ पर हर जगह इन्सान है बस यही गलती हम करते दुसरे को बिना जाने हम कुछ भी बक दिया करते 
है, अब जनता पड लिख गई है ,सब को बाबा जी का ठुललु ना समझो वरना आज तो यहाँ खड़े पहचान बना रहे हो कल ना जाने कया हो,जबलकुछ थे तब आप को किसने पहचाना जो तुम को आज,कोई पहचाने यही मान लो 

सोमवार, 17 नवंबर 2014

मान लो ,,,,,,सवचछ भारत

हम लोग सवचछ,अभियान का ना जाने कुयू मजाक उड़ाते है
सवचछ भारत केवल मोदी जी का सपना नही ,गांधी जी का सपना नही ,यह पुरे सम्पूर्ण भारत वासी का सपना है
हम अपने देश अपने घर अपने आफिस , अपने देश के अस्पताल , सड़के जहाँ भी हम लोग हम लोग सवचछ साँस
लेना चाहे तो अगर मोदी जी ने इस को हम सब भारतवासियों को कहा कि हम यह करे तो कया बूरा किया ,कया
अकेले मोदी जी या बी जे पी की स्वास्थ्य उत्तम रहेगी, कया बूरा हम अपने देश को दुसरे देशों के साथ साफ सफाई
से आगे रखे तो कया हमारी नाक कट जायेगी ,कुयू हम अचछे काम को करने के लिये भारत के प्रधान मंत्री जी की
आवाज,को उन के बताये मार्ग पर चलने से हिचक रहे है , कया कांग्रेस ने इल को पिछले साठ सालों से बसते मे बनद
कर के हम सब को इस गन्दगी मे जीने केलिये मजबूर कर दिया ,

        आज हम सफाई अभियान को आगे हढ कर सब साथ मिल कर सवचछ देश का रुप बना सकते है,कया बिगड जायेगा , कया गांधी जी नाराज,हो जायेगे ,कया नेहरु जी बिचौलियों हो जायेगे कि देश की काया कुयू पलटी ।
         
          अगर देश के अनदर हर गाँव क़सबे के अनदर सफाई रहेगी तो किसी की राजनिति मे  कुछ फरक नही पड सकता
सफाई का दुसरा नाम है हमारा स्वास्थ्य , अगर सफाई नही होगी तो किस का भला राजनिति का भला या हमारे स्वास्थ्य का भला ? कुछ मिडिया वाले जगह जगह की गंदगी रिपोर्ट दिखाते हुये मोदी जी का नाम लेते ,बहुत आँख झुक जाती है
यह कैसा मिडिया है जो देश के प्रधान मंत्री जी की बात को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है ,जब कि मोदी ज़ी ने साफ कहा कि सवा सो करोड भारत वासी चाहे तो देश सवचछ बनने मे देर नही लगेगी ,बहुत से मिडिया कर्मी यह नही दिखाते
उन कार्यलय के बाहर गंदगी ओर सड़कों की स्वरुप कया है ,वह अपनी सोच पलटे ,तबाही देश की सोच पलटेगी ।

         हम को देश को सवचछ रखने मे कोई संकोच नही होना चाहिये , यह हमारे स्वास्थ्य का प्रतीक साबित होगा
हम इस को राजनिति से ना जोड़े ,जब यह सवचछ भारत गांधी के सपनों का भारत अपने आप हो जायेगा ,बस यह
समझिये मोदी जी ने तो वह रासता दिखाया है जो हम को इस ओर दिलाने वाला कोई नही था ।

        अब जब यह मोका मिला है तो इस को हाथ से न जाने दे किसी के उपर कटाछ न करे , कया कोई हम जब
ख़तरनाक बिमारीयों से ग्रस्त होते मदद करता है ,कया कोई किसी परकार की आर्थिक मदद करता है ।
       
तो सोचिये मत कोई नेता अभिनेता तो झाड़ु पकड़ नही रहा , हम कयो पकड़े , हम पकड़ेगे अपने लिये अपने देश के
लिये ।
मान लो आपने एेसा कर के अपने स्वास्थ्य को ठीक कर लिया तो वह लोग गलत हो जायेगे जो आज इस पर हम को गलत मार्ग दिखा रहे है ,अपने अनदर जागरति ला कर अपना नाम ऊँचा करना है

रविवार, 16 नवंबर 2014

maan lo: रेल किराये में वृद्धि

maan lo: रेल किराये में वृद्धि: बहुत ही कष्ट हुआ कि रेल किराये में जब वृद्धि हुई पर यह वास्तविकता हमें अभी बहुत जगह वस्तुओं पर कर वृद्धि देख  नी पड़ेगी ,पर क्या कर सकते हैं...

maan lo: रेल किराये में वृद्धि

maan lo: रेल किराये में वृद्धि: बहुत ही कष्ट हुआ कि रेल किराये में जब वृद्धि हुई पर यह वास्तविकता हमें अभी बहुत जगह वस्तुओं पर कर वृद्धि देख  नी पड़ेगी ,पर क्या कर सकते हैं...