गुरुवार, 29 जनवरी 2015

सवचछ भारत

हम देश के अनदर स्वच्छता कयो नही चाहते

कया देश सवचछ रहेगा तो मोदी जी का भला होगा

कया देश सवचछ रहेगा तो बी जे पी का भला होगा 

कुछ देश के नेता स्वच्छता पर टिप्पणी करते है , अरे भई वह गाँव मे नही गये तो आप ही इस का बीड़ा उठा लिजिये देश 
तो आप का सवागत भी करेगा ।
स्वच्छता हम सब देश वासियों के लिये जरुरी है सवचछ रह कर हम अपने  स्वास्थ्य को भी ठीक रख सकते हैं

कांग्रेस के नेताओं ने कहा था यह उन का सपना था तो आप लोग कयों सो रहे थे देश सवचछ रहता तो आप लोगाें को 
विदेशों मे इलाज करा ने न जाना पड़ता ।६० साल से कांगरेश ने इस पर कुछ पर कोई विकास नही करा , जब चुनाव आते हैं तो विकास की बात कयों कि जाती है ।


सवचछ देश का दुनिया मे नाम होता ,जब विदेशी धरती पर उतरते है तो सुना है बहुत लोग कहते है वहा,,,तो कया यह वहा वहा अपने देश मे नही कर सकते ।

सवचछ शरीर व सवचछ देश मे बिमारीयों बहुत दुर रहती है 
कोइ गनदगी पहला रहा है रोकिये 

बचचों को हाई फ़ाई पढ़ाई करवा सकते है तो सवचछ मे पीछे कयों 
स्वच्छता पर किसी की बात को टोकिये मत यह हम सब के 
लिये जरुरी है अगर कोई गनदगी फैला रहा नहीं मानता तो
उस के सामने उस का फैंका हुआ केला छिलका /चाय का गिलास आप/हम  खुद उठा कर फैंक  दे तो हो सकता वह 
आगे से एेसा न करे। पान की पीक करने वाले से कहिये
अपने कमरे कि दिवाल पर थुक कर देखे कितना अचछा कलर होगा दिवाली पर पुताई की जरुर ही नहीं ।जब तक
एेसा नही होगा देश के अनदर स्वच्छता का वास नही होगा ।
    खाली रेलवे पर सफाई नही देश के हर क्षेत्र मे सफाई हो 
तब हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा ।
  कोई रासता दिखा रहा है तो  वह भले के लिये कह रहा है 
आप का घर /गली सवचछ होगा तो आप के/ हमारे विचार 
भी सवचछ होगें ,,,,क़दम तो बड़ाने ही होगें सवचछशहर व
सवचछ स्वास्थ्य के लिये ,,,यह हम सब को नई सोच लानी होगी