शुक्रवार, 26 दिसंबर 2014

sach

hum sach boltye hain log jhut sochtye hain to yah khud log batadeyen ki ravan ki puja 
kyun hoti hai delhi ke ander aurangzeb raod 
hosakta hai to kuch log gods se bahkat hain to itraz kyun 

      sach bata dey koi phir anter kyun

गुरुवार, 25 दिसंबर 2014

jata hua yah saal desh ko bahut kuch dey ker jaa ker raha purnye 60 saal meie kuch asiye vadye jo congress ne purye nahi kiye gandhiji patelji ke sapnye ko pura kernye meie aagye horahye hain yah baat congress kahti hai yah unki vikas ki raha thi to phir unsye pucha jaye ki modiji ne jub unko pura kerny ka kadam uttha rahye hain to unko modiji ke saath chalnye meie sherm kyun aarahi hai uss congress ko janta ne satta se abharnikal phanka phir aaj bjp ko samperdayik kahnye meie nahi chuk rahi jub desh ke kaune kaune se janta ne congress ki har sakha ko girra diya hai aur yah congress kabrickch jaddo sahti iss saal ukkhad chuka hai modiji ne desh chanderyan deynye meie deri nahi keri railyway ke superfast honye per surruat keri bahut se logon ko pasand nahi aayi per meie bhi khatha hun yah zaldi puranahi hoga per iss ki suurat bahut achi hai desh ki biggdi kerysaliyon ko naya rup diya jaa raha hai har baat ko dherm se nahi desh ke viaks juda deykha jaaye to bahut acha hai petrol desisel ki keemat jo asman ko chuti jaa rahi thi unko kaafi kum kiya gaya jis per congress ne kaha yah ho hi nahi sakta videshon ke ander desh ki saakh ka sikha jimma jama materbhasha ka samman hua desh ke pm ko logon ne jana ki bharat ke pm modiji hain varna schoolpn ke bachye jatye hi nahi thhye ki desh ka pm kaun hai yah nai suurat mann ki baataon se hui swach abhiyan se desh ko ek nai raha miliyegi desh swach hoga aur bharat ka bahivasy swach hoga iss per bhi kuch log naraz hain kyun desh swach kyun swastyh uttam per jaatye huye saal unki mansik vichar dharon ko aakhir meie badla hi desh ki janta iss judi jub hum sab saath hoker chalyngye to desh ka vias hona lazmi hai aur pm ke sahi marg ko kuch purnye rukye vikas ko jo naya rasta mila woh sansar ke saamnye 2015 ke ander perthm din per ek naye rup meie hoga desh ki awaz ko pm ne jo videshon ne uttha unko saflta mili ,shri atalji ko late malviya ji ko bharat ratan ke rup meie nawaza gaya ek nai vichar dhara ki suuraru hai desh ke pm ne padosi desh ki bhumika ko badye aatank baad per rok lagganye ke liye vivsh kiya jo congress ke raj meie h hi nahi raha 
2014 jaatye jaatye desh meie kuch baatye hain jo ura nahi poyai woh 2015 meie zarooor puri hogi yah ek naye savery ki surruat hai aayie uska swagt kerye hum sab ek saath milker kadam kadam se kadam milye

सोमवार, 22 दिसंबर 2014

naya saal

ईंमानदार 

हमरेए देश के अंदर इम्मान दार भी बनना भी ज़रुरत है पहलए बहुत मिल जात्ये ठये अब कहतए हैं अब हम इम्मंदार हुमने कब कहा भाई आप बेईमान तभी सब कोशक हुआ पैर वहां ईमानदार सत्यबादी लोघ्ये के तरह पिघल गरम गर्म से भर निकला चारों तरफ शोर मचा लोगों ने उच्चा उछला भारत की meida को न जाने क्या हुआ जैसये धरती के नीचये लगा कोई इंसानी जीव निकला जसी के आम इंसान से अलग रूप हैं ,  जब खुल्ये रूप डेल्ही के मैदान उत्तर तो उत्तरा तो पता चला ठण्ड से निकला कोई सिकुड़ा हुआ इंसान है पैर तारीफ है देश के लिए मर मित्त्न्ये  की कसम खाई करप्शन खाई इस २०१३  के महा पुरुष ने सब ने सोचा देश का भला होगा हुमंये भी सोचा खुस हुए पर  तभी धरती मै चिपचिपा पन्न निकलना चालू होगया ,महापुरुष धम्भी  नेता ने अपना बिस्ला रूप धारण केर लिया करप्शन हत्त्ये हुए खुद कुरपत होयग्ये २०१३ समाप्त होने  का आगया ,मान्यवर इतहास के पन्नो पैर च से गए अपना रूप प्लाट लिया सां जैसये केचुली  पलट ली और न्यूज़ उनके नाम की गुण उन्ह गांए की अब कुछ अपनी नौकरी त्याग केर चल दिए इस कलयुग के महापुरुष के पसीछए इस का रूप ज़हरीला होगया पैर इस ने कुछ क्या करा या एक बार डेल्ही की जनता का मनं के अंदर घुस गया यह महा पुरुष बन्न गया २०१४ का पैर इस का मैं बिचलित था जैसये पूर्णये ज़माएँ मै तपस्या पूर्ण होंए पैर और लालसा बढ़ी की की धरती पैर सिद्धये स्वर्ग मेिे जाऊँ भाग लिए मिली हुई रोटी त्याग केर पहुँच गए शिवजी की नगरी में कहीं ठिकाना नमिला हनुमान जी के मंदिर पहुँचए वहां हनुमान जी का सोटा  पड़ा बैघर होगये गंगा मैया की कसम खाई की यहींसे स्वर्ग जाऊंगा पैर यह लात ऐसी पड़ीं की  क्या  मिला हैं बहुत बेशर्म जेल  भी घूम आय कसम खननए मेिे नो १ खहंना मिलये न मिलये कसम खाकर पेट भर  लेतये हें अब की बार २०१५ को चुनती दी है बंदए मेिे है दम  कसम खहाली हैं बस जीता तो ५  साल जींए न दूंगा इतना है दम 

  नया साल सब को मुबारक हो बस ५ साल तक मुबारक हो क्यूनी इनका साथ अपनी इनका  दिया तो हर साल यही हाल होगा अब समझना आपको आप है हर साल शुब्कममनाएं लेनी हैं या ५ साल मीईए एक बार क्यंकि एक बात है असिये माह पुरसु   रायता फािलत्ये  जात्ये हैं 

इनकी  बीमारी पेर्र  कुछ  नहीं कहना 

जाता हुआ साल जाएँ दो  आता  हूआ साल हो मुबारक 

सोमवार, 1 दिसंबर 2014

लड़कों पर लड़कियो का भारी पड़ना

आज यह ख़बर पुरे देश मे एक नम्बर पर है ,बहुत सही है

       अगर लडकी हिममत कर के बदमाशों  का सामना करे उन चित कर दे यह बहुत बहादुरी का काम है
ओर उन नौजवानों के लिये भी जो मुक दर्शक बन कर यह तमाशबीन बन रहे थे , उन के उपर बिना थप्पड़ 
पड़े  तो आवाज नही आइ है , कि उन को समझना चाहिये कि ओर लड़कियों क् साथ देते । अब छेड़ने 
वालों से जयादा अधिकतर समाज,की आवाज  आ रही है बाक़ी यात्री जिन मे नौजवान थे कया हाथों मे 
चिड़िया पहने हुए थे । 

 ज़री भी आगे बड़कर उन लड़कियो का साथ देते तो कया बिगड़ता , कम से कम वे अपनी नज़रों मे तो 
नही गिरते , उन लड़कियों की जगह इन की बहनों के साथ यह तो कया यह तब उन लड़कों को गले लगीतेपय्र करते 
कहते जीओ भाग जाओ हम है तो कया कम करता

           यह सवाल अहम है दुष्ट से जयादा बुरा वह होता है दुष्ट,तो अन्याय होते देखे ओर साथ न दे ? 

रविवार, 30 नवंबर 2014

पांखडीयो का फैलना

हमारे देश मे हर धर्म मे पांखडीयों का बोल बाला है  बस यह समझा जाये हिनदु धर्म मे जयादा है

        इन पांखडीयो को हम सब ही तो बढ़ावा दे रहे है, वह हम सब को इतना मन मे मोह लेते है , हम सब अपना
बुरा भला तक भूल जाते है, यह नही सोचते की यह साधु /पंडित/ बाबा/ हम को पयार कितनी दूर ले जा कर छोड़ते 
हैं  वह रासता इतना कँटीली झाड़ियों से बना होता है कि हम सब दो राहें पर खड़े हो कर सोचते है कि घर जाऊँ  या
या इन लोगों को जीवन सम्परण कर दुँ  जब कि यह ज़ौक़ की तरह हम लोगों के बीच चिपट जाते हैं , हम सब को गुरु 
दक्षिणा दे कर अपना बना ने मे कोई कसर नही छोड़ते ,दुसरा जब हम इन के चेले बन जाते है तो बस दिमाग मे गुरु 
ओर गुरु का अपमान नहीं होना चाहिये  ओर कुछ गुरु जो निस्वार्थता का फ़ायदा हम लोगों से उठाते है ,हम लोग चाहे तो 
तब तक यह महान हो जाते देश के कर्णधार भी इन के साथ हो लेते है ,बस हम सोचते है कि अब जब नेता अभिनेता भी 
इन क् साथ है तब हम भी अब जीवन इन को सोप दे ओर यही वह क्षण  होते है जब यह गुरु लोग वे सब काम कर लेते 
है जो देश हित में नही ,माया रुपी जंजाल इन का बहुत बड़े ज़हरीले अजगर की तरह कब किस को डँस ले पर कोई 
बचे तो कैसे बचे पर कोई फँस कोइ बच गया तो उन के लिये यह प्राण घातक हो जाते है, अब इन का बचना मुश्किल है 
तब देश के होनहार महापुरुषों को आगे करने रासता निकाल कर हज जाते है ।

          चला ओ केस कया होगा ,कानुन मे बहुत बारिकयों का यह फ़ायदा उठा कर मसत रहते है ,जब बापु के 
सहारे चलने वाले कुछ नेता एेसे भी रहे सरकारी ज़मीन मुफत मे पा ली, कुछ टी वी पर परचार कर के स्वयम्भू हो
जीते अब कया कानुन विगाडेगा ,अब तो जो ज़ख़ीरों  का बेताज रामपाल मिला इस के पीछे भी कोइ ना कोइ तो होगा 
,वरना इतना बारूद कैसे पहुँचा ? 

            साधु समाज भी इन से दूर रहता है,क्योंकि कोन बीना बुलाये मोत को करीब बुलाये ।
   आम भखत तो अपनी जान तक देने को तैयार है ,पर उस बेचारे कोकया पता यह जल्लाद तेरी आड़ मे कितने जीवन 
बरवाद कर रहा है ,देश को लुट,रहा है , 
सब से पहले आज,के समय मे हम सब को सोच पलटनी होगी ,अन्धा विशवास हटाना होगा , हर साल कोइ ना कोइ साँप कब अपनी केंचुली पलट कर हम सब को लुट,लेता है ,समझदारी कायम रखनी होगी , जबसहम इन के जाल मे नही फंसेगें तब ही यह पाखण्डी गायब  होगें । 


शनिवार, 22 नवंबर 2014

किस आफ लव



आज कल ना जाने कया हो गया पश्चिम सभ्यता का असर भारत मे कयों लोगाें पर सिर पर चढ़ कर बोल रहा है

         यही लडके लडकियां कुछ दिनों पहले हाथ मे मोमबत्तियाँ लेकर बलात्कार ओर महिलाओ पर होने वाले  अत्याचार 
के खिलाफ देश की सड़कों पर  न्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे थे ।

          आज अचानक न जाने कयों यह किस आफ लव के पीछे लग गये, कोन इन को भारत की सभ्यता से
दूर कर रहा है ,के। इन नौजवानों को गुमराह कर के खुद चैन की नींद सो रहा है। कैसे है इन के माँ बाप इन को रोक 
नही पा रहे या पहले वह भी बनद कमरों मे इस सभ्यता को समाप्त कर के की कया फ़ायदा हम माँ बाप कासममान करे 
आज उन्हीं की पीड़ि ने यह क़दम उठाये ,कुयू ?कयामिलेगा उन को अपने आने वाले समस पर कया आज के यह 
नौजवान जो समाज मे बेहुदगी फैला रहे है , कया उन के बचचे उन के आगे यह सवाल खड़ा नही करेंगे , कि तुम ने किया 
तो हम कुयू ना करें , कया जबाब होगा इनका?

             जिस परकार समाचार पत्रों  मे इन के किस की तस्वीर आम पब्लिक के सामने बेहुदगी करते छपी ,कया 
वह उचित थी , कया जब वह लडकी अकेले मे जायेगी कोई लड़का उस पर बदतमीज़ की आवाज़ें देगा कया करेगी 
वह कहाँ पुकार करेगी ,कानुन भी कई बार मजबूर होता है, क्योंकि कानुन को ठेगां तुम ने ही दिखाया ।

              शायद,कुछ लडकियां इस परकार के कार्य के बाद कुछ लड़कों के  फबतियाँ व आपत्तिजनक कार्यों  की 
शिकार हो चुकी है ,कया उन को नयाय मिल सकता है, कया इन के कालिज वाले इन को रोक पायेगें ,कया होगा ।

             इन के इस कार्य से छोटे क़स्बों  व गाँवों मे अचछी शिक्षा पाने का अधिकार खोती जा रही हैं, क्योंकि वहाँ 
के लोगों की नजर मे शहरी लोगों पर से विशवास उठ गया है , सरकार कया करेगी ,जब खुद ही लड़का लडकी 
गलत मार्ग पर चल रहा हो ,किसी लडके की बहन भी उसी परकीरसकर रही हो तो कया वह कैसे देख सकता है,कया उस कि
आतमा उस को धिककार नही देती ,काँसे इन नौजवानों ने बनद कमरे से निकल कर अपनी इसभयता की परिचय दिया ,कया विदेशों मे संदेश दिया ? विदेश के लोगो पर जो भारत की सभ्यता का सममान था , कया गिर नही ?

          जिस ने भी इन नौजवानों को यह मार्ग दिखाया कया उस को इस बात का फल नही मिलेगा , कैसे वह जबाब देगा 
यही चिंगारी उस के घर मे लग जाये ,कया करेगा किसी का, कया जबाब होगा उस के पास,कया फिर कहेगा जा बेटी  अब हो गया है/ तुने कर लिया है तो पीछे मत हट ,शुरु हो जा? कया कर सकेगा एेसा ,कया इन बचचों की माँ  की ममता को हो गया 
बचचों को अचछी शिक्षा ओर संस्कार ना दे पायी  बचचे हाथ से निकल गये ।तब कया किसी से कुछ,कह सकती है ।

            आज क् नौजवानों अपने लड़खड़ाते क़दमों पर अंकुश लगाना होगा, वोटों की ख़ातिर गलत मार्ग पर चलने वालों 
की बात को नकारात्मक होगा , कुयू की तुम्हारे आगे बहुत बडा समय है, सालों साल जीना है । 

            इस जीवन को जीने केलिये अचछे मार्ग पर चलने के लिये अपने क़दमों को सही मार्ग पर ले जाना ही उचित है ।
पयार कोइ गुनाह नही ,पयार सड़कों पर सैकस की तरह नही किया जाता,पयार का सममान करो ,तभी पयार को पयार से जी सकते हो  ।

गुरुवार, 20 नवंबर 2014

बाबा ओर सन्त




आज,कल देश के अनदर बाबाओं का बहुत बडा जाल है ,पर हमलोग खुद है जो इन के जाल मे फँसते है ,

       इन बाबाओं का सब से बडा काम है मीठे मीठे प्रवचन देना ,कुछ छोटे मोटे एेसे काम कर देना कि भक्त 
उन के जाल मे फँस जाये , उस को अपना बनाने से पहले सारे दाम भेड़ दंग सब बातें  एेसी करते हम लोग 
इन के मोहमाया जाल मे फँस जाते , यहाँ की देश के नेता अभिनेता तक इन के भकत हो जाते है गलती से
घर मे कोई महिला इन को भगवान की पुजारन मिल जाये या कष्टों के अनदर तो समझो इन को चोदहवी का
चाँद मिल गया हो , जैसे एक है निर्मल बाबा भकत  से फिस जमा कराते है फिर कषट पुछा जहाँ  उस ने का 
मिठा नही खाता बस लपेट लिया अरे कया करा जीवन मे मिठास लाओ तुरनत बाहर जाओ जलेबी खाओ ओर 
खिलाओ बस बुरा समय टल गया चाहे वह सुंदर का मरीज,है बाबा जी ने कहा तो मानना ही पडेगा, एेसे ही 
एक महापुरुष है बेटा तुम भगवान को नहीं मानते तो कोई बात नही हम हैं ना डरो मत हम भगवान तक तुम्हारी 
बात पहुँची देंगे ,बस भकत ने सोचा जो हम टाइम के कारण नही कर सकते बाबा जी कर के लो गुरु जी ५०,०००/- 
काम हो जाये बाक़ी बाद मे , पर इन सब बाबाओं का एक बहुत अचछा काम है जो हिनदु लोग बहुत विशवास करते है
गुरु का अनादर मत करो गुरु को कोई गाली दे उस को मार दो पर गुरु का अपमान न हो पाये ,उस के लिये 
भक्तों को गुरु दिझा देते है , अब गुरु चेले के बीच मे कोईनही ,भगवान तक कोइ बात करनी हो तो बस गुरु ,चेला 
बाबा का अन्धा भकत यह भी वैसे ही है जैसे किसी को नेता जी से मिलना हो तो उन का भी चेला होता है ,उस के
अलावा कोई नही , अब बाबा कछ भी करे कोई भी नही बो सकता क्योंकि गुरु का अपमान नही हो सकता ,इन्हीं कारणों 
से यह बाबा जो भी कुछ करे कोई नही बोलता ,अब देश के अनदर इन का बोल बाला होता ,पर अन्धे भकत यह नही 
सोचते कि उन को लुटा जा रहा है ,कया कया हो जाता है, कानुन भी कुछ करने मे अहम हो जाता हा जब कोई उन के कुकरृतयो के खिलाफ नही बोलता ,बाबा को गलती से कानुन केफंदे फँस जाने पर रोते है ,मैंने भी गुरु दक्षिणा ना ली कहा गया अब गुरू जी तुम्हारे बीच कोइ नही पर मेरा मन नही माना भगवान से बडा कोई नही ,माता-पिता ही गुरु हैं
पढ़ाई  तो शिक्षक ही गुरु है , तब तो कभी नही कहा गया ,भगवान को न मानो , सही है गुरू बनाओ पर एेसा गुरु ना हो कि करम काे गलत रास्ते पर ले जाये ,खुद इतना अमीर की कोइ दुख ना आये उस के पास ओर भकत इतना गरीब की 
कोई कुछ उसकी सहायता न करे ,यह अन्धी भक्ति हम को दुरसहटानी होगी, गुरु तो नानक देव जी भी है ,उनकी भकति की जाये,गुरु ब्रह्मा गुरु विषणु गुरुमह्श का धयान रख कर जीवन का यापन कर सकते है ,

  सहम को किसी भी अन्ध विशवास मे डुब कर अपनी जीवन अंधकार मे नही जालना चाहिये ,वरना यही होता है चिड़िया चुग ई खेत अब पछताये कया होत , आज,के इस समय मे बहुत सोच समझ कर चलना चाहिये 

मंगलवार, 18 नवंबर 2014

भीड़

कल देखा एक नेता जी सड़क पर खड़े थे अजबीवो गरीब हरकत कर रहे थे ,कभी हाथ गाल पर कभी सिर पर कभी 
पर चला रहे थे कह रहे थे मुझे पहचानो मै कोन हुँ 
        एक भिखारी जा रहा था तुम तो मेरे बिछड़े हुये भाई हो आजा जो कुछ नया कर दे 
          तुम को हम को लोग पहचान ले ,मै भी कभी तुम्हारी तरह दुसरो को कहता था आज कोई नही पुछता बस 
आदत से मजबूर हर चोराहे पर कितना कहता हुँ पहचानो मैं कोन पर कोई नही पहचानता ,वकत की बात है
अब दुसरों  पत्थर नही मारता 

          पर तुम कया हो यह तो बता दो कह रहे हो पहचानो कभी कहीं गये , जबाब मिला विदेश गया कोई दिखा नही 
तब से सोच,रहा हुँ जिन को कोई नही जानता लाखों उन को गले लगा रहे हैं ,कया वह भीड़ अपने साथ ले जा रहे है

          जबाव मिला बस यह समझ ले आज तुम के हम ने पहचान लिया यही बहुत है भिखारी ही भिखारी को पहचानता है
          जाओ घर पर आराम करो ,गलती से सम्पर्क किसी सपनो मे विदेश से होगया ,किसी जगंल मे घुम कर आये हो 
जहाँ कि बात करते हो वहाँ पर हर जगह इन्सान है बस यही गलती हम करते दुसरे को बिना जाने हम कुछ भी बक दिया करते 
है, अब जनता पड लिख गई है ,सब को बाबा जी का ठुललु ना समझो वरना आज तो यहाँ खड़े पहचान बना रहे हो कल ना जाने कया हो,जबलकुछ थे तब आप को किसने पहचाना जो तुम को आज,कोई पहचाने यही मान लो 

सोमवार, 17 नवंबर 2014

मान लो ,,,,,,सवचछ भारत

हम लोग सवचछ,अभियान का ना जाने कुयू मजाक उड़ाते है
सवचछ भारत केवल मोदी जी का सपना नही ,गांधी जी का सपना नही ,यह पुरे सम्पूर्ण भारत वासी का सपना है
हम अपने देश अपने घर अपने आफिस , अपने देश के अस्पताल , सड़के जहाँ भी हम लोग हम लोग सवचछ साँस
लेना चाहे तो अगर मोदी जी ने इस को हम सब भारतवासियों को कहा कि हम यह करे तो कया बूरा किया ,कया
अकेले मोदी जी या बी जे पी की स्वास्थ्य उत्तम रहेगी, कया बूरा हम अपने देश को दुसरे देशों के साथ साफ सफाई
से आगे रखे तो कया हमारी नाक कट जायेगी ,कुयू हम अचछे काम को करने के लिये भारत के प्रधान मंत्री जी की
आवाज,को उन के बताये मार्ग पर चलने से हिचक रहे है , कया कांग्रेस ने इल को पिछले साठ सालों से बसते मे बनद
कर के हम सब को इस गन्दगी मे जीने केलिये मजबूर कर दिया ,

        आज हम सफाई अभियान को आगे हढ कर सब साथ मिल कर सवचछ देश का रुप बना सकते है,कया बिगड जायेगा , कया गांधी जी नाराज,हो जायेगे ,कया नेहरु जी बिचौलियों हो जायेगे कि देश की काया कुयू पलटी ।
         
          अगर देश के अनदर हर गाँव क़सबे के अनदर सफाई रहेगी तो किसी की राजनिति मे  कुछ फरक नही पड सकता
सफाई का दुसरा नाम है हमारा स्वास्थ्य , अगर सफाई नही होगी तो किस का भला राजनिति का भला या हमारे स्वास्थ्य का भला ? कुछ मिडिया वाले जगह जगह की गंदगी रिपोर्ट दिखाते हुये मोदी जी का नाम लेते ,बहुत आँख झुक जाती है
यह कैसा मिडिया है जो देश के प्रधान मंत्री जी की बात को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है ,जब कि मोदी ज़ी ने साफ कहा कि सवा सो करोड भारत वासी चाहे तो देश सवचछ बनने मे देर नही लगेगी ,बहुत से मिडिया कर्मी यह नही दिखाते
उन कार्यलय के बाहर गंदगी ओर सड़कों की स्वरुप कया है ,वह अपनी सोच पलटे ,तबाही देश की सोच पलटेगी ।

         हम को देश को सवचछ रखने मे कोई संकोच नही होना चाहिये , यह हमारे स्वास्थ्य का प्रतीक साबित होगा
हम इस को राजनिति से ना जोड़े ,जब यह सवचछ भारत गांधी के सपनों का भारत अपने आप हो जायेगा ,बस यह
समझिये मोदी जी ने तो वह रासता दिखाया है जो हम को इस ओर दिलाने वाला कोई नही था ।

        अब जब यह मोका मिला है तो इस को हाथ से न जाने दे किसी के उपर कटाछ न करे , कया कोई हम जब
ख़तरनाक बिमारीयों से ग्रस्त होते मदद करता है ,कया कोई किसी परकार की आर्थिक मदद करता है ।
       
तो सोचिये मत कोई नेता अभिनेता तो झाड़ु पकड़ नही रहा , हम कयो पकड़े , हम पकड़ेगे अपने लिये अपने देश के
लिये ।
मान लो आपने एेसा कर के अपने स्वास्थ्य को ठीक कर लिया तो वह लोग गलत हो जायेगे जो आज इस पर हम को गलत मार्ग दिखा रहे है ,अपने अनदर जागरति ला कर अपना नाम ऊँचा करना है

रविवार, 16 नवंबर 2014

maan lo: रेल किराये में वृद्धि

maan lo: रेल किराये में वृद्धि: बहुत ही कष्ट हुआ कि रेल किराये में जब वृद्धि हुई पर यह वास्तविकता हमें अभी बहुत जगह वस्तुओं पर कर वृद्धि देख  नी पड़ेगी ,पर क्या कर सकते हैं...

maan lo: रेल किराये में वृद्धि

maan lo: रेल किराये में वृद्धि: बहुत ही कष्ट हुआ कि रेल किराये में जब वृद्धि हुई पर यह वास्तविकता हमें अभी बहुत जगह वस्तुओं पर कर वृद्धि देख  नी पड़ेगी ,पर क्या कर सकते हैं...

मंगलवार, 22 जुलाई 2014

रेप और समाज ,कानुन

क्या वास्तव में कानुन और समाज रेप नहीं रोक सकता ।

      तो कोई बताये कि यह कौन रोकेगा , क्या माँ बाप बच्चों को नहीं समझा सकते, क्या जिस लड़की 
की इज़्ज़त की लुटी जाये वह किस के आगे न्याय माँगे , क्या जो लोग यह कहते हैं या हम सब सोचते हैं कि 
क्या सब के घर बेटी नहीं है क्या सब के साथ सब हो जब ही सब सोचेगें जब सब के सिर पर आँच आयेगी
 कुयूं हम लोग ना समझी से यह सब कुछ कह देते हैं , कि राई का पहाड़ बन
जाये । कितनी दुख होता है कि जब यह दरिंदे महिलाऔं / लड़कियों का जीवन नर्क बनाते है, अब तो छोटी छोटी 
बच्चियों को भी नहीं बखसते , क्या यह समाज आगे बड़ कर अपने बच्चों  को हीं समझा सकता है,भगवान ने तो भी 
नहीं कहा कि इन्सान का जन्म दिया है इन्सान बने रहो , यह भी नहीं कहा कि ख़ाली हाथ भेज रहा हुँ , कमाओ मत 
, कुछ खाओ मत , भगवान ने तो हम को कुछ नहीं कहा फिर भी हम बहुत कुछ करते हैं । 
       इसलिये हम सब बेटी को सही रहना , परिवार की इज़्ज़त रखना बताते हैं तो बेटा ग़लत रास्ते पर
जाने कुयूं जाये ,माँ ही भगवान का वह रुप है जो रेप क्या चाहे तो बेटे को शहिद बन ने का रास्ता नहीं दिखा सकती 

       यह बात हम सब पर लागु होती है ,इस को जब रोकेगंे तो क्या कोई भगवान का रुप नहीं ले सकता ।
 यह बात एक आम बात है ,समाज के अन्दर इस ज़हर को आगे ना फैलने ना दें

सोमवार, 21 जुलाई 2014

आंतक , अत्याचार, सीरियलयों के अनदर

आज,कल इस की वजह से पूरे देश के अन्दर बहुत ही सिथति ख़राब हो चुकी है, पर फ़िल्मों के अन्दर तो कम से कम
तीन घंटे बाद इस का अंत हो जीता है, पर आज,कल जो टी वीं सिरियल के अन्दर दर्शकों जो परोसा जा रहा है , वह 
समाज के अन्दर ख़राब बातें परोसी जा रहीं हैं , हर सिरियल के अन्दर मारधाड़ ,लड़कियों का अपहरण , माँ बाप की बेइज़्ज़ती
,एक लड़की की कई बार शादियाँ कोइ इस पर कुयूं एतराज़ नहीं करता, अपहरण तो दिखाया जाता है अब तो बाेडर पार के 
सीन भी दिखाये जा रहे हैं जिसका कई सिरियल में उन का कोई महत्व नहीं और ना कहानी की माँगे है, यह कया 
दर्शकों को दिखाया जा रहा है, आदमी व लड़कियों को दिवारयमे ज़िन्दा चिनवाना भी यह बहुत ग़लत दिखाया जा रहा है, यह
लड़कियों के साथ ओर अत्याचारों को बढ़ावा देगा , एेसे दर्शय पर तुरन्त रोक लगनी चाहिये , सभी सिरियल सैंसऱ पास हो कर 
दिखाये जाने चाहिये ।
             जिस प्रकार सरस्वती चन्द्र के अन्दर जो दर्शय दिखाये जा रहे हैं व उतरन सिरियल के अन्दर दिखाया जा रहा है
यह भी रोका जाना चाहिये , क्योंकि दर्शय काफ़ी ख़राब माहौल पैदा करेंगे , सरकार को व सैंसऱ बोर्ड को तुरन्त इस पर 
रोक लगायी जानी चाहिये ।
  एक समय था जब सिरियल चालु हुये तो खुब सब को पसन्द आये थे , पर जो आज कल यह सिरियल बना रही है /बना रहे हैं 
क्या वह अपनी बहन बेटियों की बार शादी करवाये जा ने को राज़ी होगें , सिरियल की मतलब मनोरंजन है ना कि समाज 
में गंदगी फैलाना  यह भी आज कल समाज में ग़लत संदेश दे रहा है । समाज के अन्दर सिरियल अगर इन को बनाने हैं ,समाज मे
बड़ों का मान सम्मान दिखाये जाने वाले बने, समाज के अन्दर देश को सही रास्ता दिखाये जाने वाले बने , तभी इन का कुछ महत्व होगा ।

रविवार, 20 जुलाई 2014

समाज क्या बदल नहीं सकता

हर रोज़ कहीं ना कहीं बलात्कार होता है , महिलाऔं पर अत्याचार होता है, इस में कानुन को एक बदलाव जरुर करना
चाहिये कि मुजरिम की उम्र , क्या जब इन्सानियत से हट कर हैवानियत पर उस को पता नहीं होता कि उस की उम्र कितनी
है, उस की उम्र के हिसाब से तो ना जाने कितनी बहन बेटियों कि इज़्ज़त चली जायेगी और यह दरिदंे हर चौराहे पर खड़े 
हो कर कानुन का मज़ाक़ उड़ायेंगे , तब जिस के साथ जो बिती है उस के क़लेजे से पुछो उस पर क्या बीत रही होती 
सरे राह सड़क पर एक बार फिर सब लोग शब्दों के वाणांे से उस का बलात्कार कर देगें ,मान लो उस समय उन में से किसी 
की बहन बेटी के साथ बलात्कार हो उस समय उन के दिल पर क्या कुछ नहीं गुज़रेगा ।

         क्या वह भी उस समय भी वह अपने दोस्तों के अपनी बेटी का शब्दों के वाणांे से बलातकर करेगा , क्या कानुन 
में  खड़े हो कर बहन बेटी के विरोध बोलेगा, क्या वहाँ वह माँ बाप कहेगें उन दरंींदो को बख़्श दो?
         
         जब तक समाज नहीं पलटेगा , तब तक इस पर रोक नहीं लग सकती , दरंींदो के माँ बाप भाइयों व 
परिवार वालों को भी उन क विरोध करना

           देश के नेताओं को भी अपने विचारों के अन्दर नयी सोच लानी होगी   , मान लो कभी भगवान इन के
साथ एेसा ना होने दे । जब यह नेता गिरी से बाहर हो, तब देखो इन की तड़प   , जैसे बीन पानी मच्छली । क्या यह सहन कर पायेगें, इसलिये इन को बदलाव लाना होगा , यह एक घर का मामला नहीं पुरे देश का मामला है ।

रविवार, 13 जुलाई 2014

दर्द पेट में ओर दवा टी वीं की

 यह एक सत्य घटना मेरे साथ घट चुकी है, मेरा टी वी का इलाज सन् २०१०मंे हुआ था, २०११ मंे
                               मुझे डाक्टर ने कहा कि मैं बिलकुल ठीक हो गया हुँ
 , मेरी दवाएँ भी बन्द हो चुकी थी ,मैं बिलकुल आराम से था , कोई परेशानी नहीं थी ।
                जनवरी २०१३ में मेरी हालात अचानक ख़राब रहने लगी , दवाई भी ली पर कोई आराम नहीं, मेरी नाैकरी 
जा चुकी थी , मेरी बेटी की शादी भी उसी महा होनी थी, बहुत परेशान पर किसी तरह उस की शादी तक अपनी तकलीफ़
को भूल कर शादी कर के जब सब शादी के सारे कार्य पुरे हो गये तो आराम करा, पर एक दिन रात को फिर वह दर्द
बहुत तेज़ उठा , पास के अस्पताल मे गया । डाक्टर साहब ने चेक करा , इनजैकशन लगाया ओर घर भेज दिया दुसरे दिन फिर दर्द उठा अस्पताल गया , डाक्टर जाे उस समय थे पुरा फिर चेक़करा बोले गैस की वजह से चिन्ता मत किजिये ठीक 
हो जायेगा , कुछ देर रोक कर फिर घर भेज दिया, दो तीन दिन तक यह सिलसिला चला फिर मुझे अस्पताल में भरती
कर लिया गया, उपचार चालु हो गया, रात किसी तरह काटी ,सवेरे फिर तेज़ दरद उठा डाक्टर साहब आये बोले आप काे
निमोयनाया हो गया, दवा दी गयी पर दरद अपनी जगह का उठ रहा था, तब डाक्टर साहब ने कहा आप की टीवी बिगड़
गयी , जाचँ पहले दिन से हो रही थी एक्सरे भी हो चुके थे अब टी बी का इलाज चालु  पर दर्द कम ना हुआ , बताया
ग्यारह को स्वाइन फुलू हंोगया, मैं घबरा गया,सोचा क्या अन्त समय आगया ओर अस्पताल के बैंड पर ही अपनेमव की किस से कहुं, बस रो लेता था, मेरा मन घबरा चुका था ,मेरी स्वाइन फुलू की रिपोर्ट भी ठीक आई  पर दरद कम ना हुआ, पर डाक्टर साहब के मन में क्या था , समझ से बाहर सारी रिपोर्ट देख कर बताया कि ठीक है, सी टी संैकन करा लो उस की रिपोर्ट भी आ गयी बोले लगता है डेगुं हो गया है, तुरन्त उस के उपचार की व्यवस्था कि प्रतिक्रिया चालु मैं रोने लगा
कया वास्तव में मरने वाला हुँ ,अजीब अजीब बातें मन में समा गयी अब कोइदेखने आता ओर कोइ बात करता तो लगता 
कि बस टाइम पुछ रहा है, डेगुं कि रिपोर्ट भी गयी बिलकुल ठीक निकली पर मेरा दर्द कम ना हुआ अस्पताल का ख़र्चा
बड़ते  बड़ते लाख पर कर चुका था, मन मे आ गया अब  भगवान इस जल्लाद से बचा ले पर एक दिन वो डाक्टर का बहुत
तबियत बिगड़ ने पर कहा कि मेरा निमोयनाया बिगड़ गया ,मुझे आ सी यू में डील दिया गया, ३/४ दिन बाद वह डाक्टर
से कह रह था कि यह आदमी १४दिन का मेहमान है, मैंने सुनन लिया सारी रात काटे ना कटे ,दुसरे दिन मैंने हिम्मत कर के
डाक्टर साहब से कहा मुझे यहाँ से झुटटी कर के बाहर कर दाे ना जाने कैसे उस को रहम आ गया, मैं जनरल वार्ड
में आ गया ,पर मन विचलित हो चुका बुरे बुरे सपने आने लगे, फिर डाक्टर से कहाकि मेरी छुट्टी कर दो , बोले कुयूं मैंने 
पलट कर कहा कि जब १४ दिन में मर जाउगां तो और २५/५० हज़ार ख़र्चा करुं वो चुप्प ओर मुझे छुट्टी मिली ।  मेरी पत्नी न्ाराज भी हुई पर किसी को नहीं बताया कि मेरी माैत़१४ दिन के बाद हो जायेगी ।
      मैं घर पर आ गया ,मेरे हाथ पैर बिलकुल बेकार से हो गये, दवाइयों का असर मेरे शरीर को कमज़ोर करता जा रहा,
 फिर अंक दो डाक्टर से सलाह ली बोले आप के ८०% फेफड़े बाएँ तरफ़ के और २०% फेफड़े दाएँ तरफ़ के बरवाद 
हो गये आप को ज़िन्दगी एेसे ही जब तक है  जीनी पड़ेगी  बस यह आप ने अच्छे किया कि अस्पताल से छुट्टी ले ली ,
इस के बाद मैंने एक डाक्टर साहब से सलाह ली उन्होंने  भी वही कहा पर दवा बन्द,कऱदी आज भी मैं उन के पास जाता हुँ
केवल खाँसी की दवा ओर खाना खाने के बाद हाज़मे के लिये दवा देते हें , कोइ जाँच,नहीं और आज तक जी रहा हुँ, पर 
इन के इलाज के साथ साथ सेराजम थिरैपि ली कोइ ख़र्च नहीं । मेरे २०% फेफड़े भी ठीक हाे गये, जब मैं थिरैपि से ठीक 
हुआ ओर डिप्रेशन से बाहर आया तब सब को बताया कि कुयूं अस्पताल से छुट्टी ली
 
  मान लो अगर मै वही इलाज करता रहता तो मैं पैसे से भी बरवाद और हो सकता आप को यह कभी बत्तता भी नहीं ,पर यह़
भी है सब डाक्टर  एेसे हों पर कुछ डाक्टर पैसे कमाने के चक्कर में दुसरे की जान चली जाये पर उन की पैसे हवस नहीं
जाती जो यह उन के पेशे के ख़िलाफ़ है हम लोग़ उन को भगवान समझे और कसाइयों का काम करें यह उन के लिये 
उचित नहीं ,उन के एेसा कर ने सब पर से विश्वास उठे यह़भी मैं नही ं मानता



सेराजम थिरैपि


सोमवार, 7 जुलाई 2014

दंगे

Oजब  उतर प्रदेश में कहीं दंगे होते हैं, कोई कारण हाे उस पर राजनिती चालू होजाति है और उस को सांमपरदायिकता 
का नाम क्याें दिया जाता है ,सब जानते मन्दिर मस्जिद पर लाउड स्पीकर लगे हुयें हैं और पुरे देश में हैं तो फिर यहीं 
पर इंचार्ज कुयू , सरकार को सच्चाई का पता लगाना चाहिए यह किस व्यक्ति की साज़िश है कि जिस की वजह से
अमन शांति के माहौल को किस ने भंग किया , सरकार को अब बदलाव लाना होगा । कोन लोग हैं जो यह काम कर के 
प्रदेश के किसी भी हिस्से में बेचेनी कर के परिवारों को इन दंगों के कारण नुक़सान उठाना पड़ता, क्या यही 
साम्प्रदायिक की बात कुछ नेता कह कर अपना वर्चस्व बता कर महान बनते हैं, तो फिर  चुनाव के  वकत
में अपने अन्दर बदलाव ला कर हाथ जोड़,कर अपनी ग़लतियाँ छुपाते , अब जनता काफ़ी समझदारी से काम लेती
है ओर वोट के ज़रिये अपनी आवाज़ को ही आज़ादी के इस कार्य को कर के बताती है कि कोन साम्प्रदायिक
 है कोन धर्म  निरपेक्ष है । जिन के लिये सरकार ने अपने को पलटा उन लोगों ने ही सरकार का भरोसा तो अब तो प्रदेश
सरकार को सब को  एक बराबर से देखें सही बात को समझे  तभी प्रदेश सरकार उँचा उठ सकती है 
   ज़रा सी चुक बहुत बड़ी ग़लती होती है ओर फिर देखा जाता है कि कहाँ चुक हुई कि गाड़ी यहाँ ना रुक किसी 
ओर जगह रुक गयी , सरकार को सब को साथ ले कर चलना चाहिये 
  यह नहीं होना अपनों पराया जाये 

शुक्रवार, 27 जून 2014

पान खा कर ,गुटका खा कर परिसर का गंदगीं करना

 आज पता चला की हाईकोर्ट परिसर में पान खा कर परिसर के अंदर गन्दगी  फैलाना ।
    यह कर के माननीय न्यायाधीश ने जो आदेश दिये वह बहुत ही अच्छा लगा, पर माननीय न्यायाधीश से
निवेदन है कि प्रदेश के प्रत्येक कार्यालय व अन्य अदालतें परिसर में भी यह व्यवस्था लागु हो । 
 ज़िला परिसर के बहुत कार्यालय में पान खा कर इस प्रकार गन्दगी की जाती है, जैसे यह इन का जन्म सिद्द 
अधिकार है, इस लिये सभी जगह जुर्माना भर ने का  आदेश। लागु किया जाये, यही एक विनती है

सोमवार, 23 जून 2014

रेल किराये में वृद्धि


बहुत ही कष्ट हुआ कि रेल किराये में जब वृद्धि हुई पर यह वास्तविकता हमें अभी बहुत जगह वस्तुओं पर कर वृद्धि देख 
नी पड़ेगी ,पर क्या कर सकते हैं ! 
    कांग्रेस ने देश को पिछले १० साल में हर जगह एक गहरा गड्डे  खोद दिये जो इस सरकार को  भरने में समय लगेगा ।
         जो लोग रोज़ धरने प्रदर्शन कर रहे हैं , वह कया दिखाना  चाहते हैं, कुयूं हल्ला मचा रखा है, जब कांग्रेस ने
गर वस्तु के रेट बढ़ाये तब यह़ लोग इसी तरह से बढ़ोतरी वस्तुओं पर होती थी , तब आगे बढ़ कर सब की आवाज,से 
आवाज़ क्यों नहीं उठाई, तब इतना कष्ट क्यों नहीं हुआ, 

यह कांग्रेस सरकार के कष्ट तो पुरे देश को झेलने पड़ेंगे , अपनी कमियों के काम इस सरकार पर दबाब डाल कर देश के
अनदर विरोध निती से अराजकता का माहौल कर रखा है, क्या किसी र्ेल के डिब्बे में कोई मन्त्री जा कर मुआयना कार्यकाल में 
किया कि जनता को क्या तकलीफ़ है, तब कुछ बात होती थी तो साम्प्रदायिक बातों की उल्लेख कर के अपनी कमियों को
पिछली सरकार छुपाती रही सोच रहे थे देश के लोग तो अनपढ़ हैं , पर यह नहीं सोचा देश जाग चुका है, अगऱयह सच,नहीं तो 
क्या है,तो कांग्रेस को यह हार देखनी पड़ी।

 यह लोग काला बाज़ारी रेल के अन्दर रेल में होती थी  नहीं रोक पाये, १००/- से १०००/-₹ तक ऊपर दे कर यह यात्रा करने मजुबत किया , गर आज कोई रेल किराये में यह थोड़ी सी वृद्धि हुइ तो कोइ आश्चर्य नहीं, महगंाई के 
इस रुप को झेलाने के लिये आगे भी तैयार रहना होगा यह सत्य है ,अब कांग्रेस या कोइ पार्टी विरोध करती है तो मान लो यह
अपनी गलतीयों को दुबारा दुहराने को तैयार है ,,,इन से सावधान रहना होगा, कांग्रेस की ग़लतियाँ  ही आज हम सब को 
कष्ट दे रहीं है
   क्या अब भी इस का साथ देंगे


 

इस का़ शीर्षक बता़ई ये



खिलती रोशनी सामने रंगे बिरगें मैदान भयानक सा लगने वाला पतला सा पहलवान ,एक जो जगंल राजा था , वहँा एक
डायन थी, तभी आवाज़ गुंजी मेरी बीबी से बचाओ , सब चोकं गये कुछ भाग गये आबाज शमशान से आ रही थी , नयी नयी 
पुलिस चोकी बनी थी थानेदार कुछ पुलिस वालों को ले कर गया , सामने एक भयानक चेहरे वाला कोई शैतान था , थानेदार बोला रे तु क्या कर रहा है चोरी चोरी वह बोला मैं जगंल का बादशाह हुँ, थानेदार बोला लग तो कमीना रहा है, उस ने,कहानी सब एक से ही तो हैं थानेदार ने पुलिस वालाें से कहा तलाशी लो ओऱ करो अन्दर,पुलिस वाले आगे बढ़े उस का पकड़ा उस के हाथ में 
खुनी पंजा था वह शराब के नशे में था ,और कह रहा था मैं ही इन्सान हुँ मैं ही कयामत़ हुँ  सब को गीदड़ों की तरह डराता हुँ, सामने एक महिला की लाश थी , पुलिस वालों ने मुआएना़ किया बोले यह तो पर अत्याचार कर के अपने तो बेगुनाहा बता रहा है।
    आईयेइस के तहखाने में चले बहुत ही अजीब जगह ही थी एक कमरे के बाहर लिखा था ग़दर एक हैवानियत की कथा
दुसरे कमरे बाहर लिखा था कि दिल हमारा दर्द  किसी और का , वहीं दो गंज ज़मीन के पास एक हसीना की  बेइनतहा नवजात क्मसीन लाश थी वह कह रही थी ना  मैं ओरत हुँ  , जिसे तु अबला कह सके ना  मैं मर्द हुँ , जिसे तु ना मर्द कह सके , मैं नरकिसतान की महारानी हुँ। पुलिस वाले यह सब देख कर बेहोश हो गये , थानेदार के खुन का पानी हो रहा है।
     महारानी दहाड़ उठी देवदास तु पकड़ा गया आ देखु कितना बड़ा शराबी है , आ तुने मेरा दिल तोड़ा है अब इस अंधेरी 
रात में कितना मर्ज़ी  बिन्द्रा की तरह हँसता रह और इस तरह तु हँसते हुये अपने पापों  को याद कर कि एेसी मोत कफ़न 
फाड़ कर मेरी अर्थी पर तु लेटेगा वरना तेरी रुह को एेसी तड़पती मोत का रास्ता दिखा दूँगी कि कभी ना कह सकेगा कि
मुझे कुछ कहना है, क्योंकि  मैं तेरी बीबी ऩ १ हुँ तुझे उस जन्नत की सैर कराउगीं कि तेरे अलवा तेरे से कोइ ना डर सकेगा  ।
      आ मेरे पास आ पहले इस खुनी हवा महल की परिक्रमा कमा तुझे सातसो जन्मों का वास्ता सात हज़ार जन्मों तक 
यहीं लटका रहेगा खुनी परिंदे तेरे करेगें प्यार बोल क्या चाहता है अगर तु मेरा हमदम मेरा दोस्त बन कर मेरे तलबें
चाटेगा तो लोग क्या समझेगें  तु क्या चीज़ है औरतुझे इस महल के दरवाज़े का सरंक्षक बना दुगाी  ओर बाहर इस के जो 
सड़क पर गंदा पानी है शराब समझ कर पीना है जब तुझे एक दिन बिचछु  काटेगा वह तो बेमोत मारा जायेगा तेरी शराब का 
नशा उतरेगा पर जब तु होश में आयेगा तब तुझे एहसास की तु कभी किसी की दिल ना तोड़ेगा पर क्या करुं तेरी क़िस्मत 
में सुख नहीं , लोग तुझे फ़रार मुजरिम समझ,कर समुनदऱ के अन्दर फैंक देगें पर मछलियों को भी तेरे से़ डर लगेगा ,तेरी मोत जब होगी तब शैतान नगरी के लोग़ गाना गायेगें ,हसीनाओ़ जुते मारो एक़ कमीना और आगया गाती तुझे ले,जायेंगीं ! 
   तभी आसमान से गरजना उठेगी मौसम साफ़ हो जायेगा ,थानेदार को होश भी आ जायेगी

रविवार, 22 जून 2014

महगांई ,,, बिजली,,, पानी,,,अच्छे दिन आ गये

 


बहुत दिनौं से सुना देखा आवाज़ आती  रहीं कि अच्छे दिन आने वाले हैं, मोदी जी आ रहे हैं, यह शब्द
लोगों को काट रहा है, कुछ मज़ाक़ उड़ा रहे क्यों कि देश की एक एेसी मिडिया जिस को लोग  चाहते  नहीं  उसकी
हालत पतली हो गई है , वह आम नागरिक के अन्दर ग़लत सन्देश दे रहें  और कुछ राजनैतिक दल जिन को जनता ने
उखाड़ फैंका वो देश के अन्दर की व्यवस्था का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं, उन को नहीं पता वह आगे आने वाले समय के 
अपना वर्चस्व ख़त्म कर ने कि तैयार है ।
     कया कांग्रेस वाले यह क्यों कहते थे कि जब उन की सरकार आयेगी तब वह़ विकास करेगें , महिलाऔं  को 
सम्मान दिलवायेगें , तो यह़ कांग्रेस के सपोर्टर बतायेंगें कि वह सरकार किस की थी अगर कांग्रेस की नहीं थी , तो 
उन को उस समय इस महगंाई भरहसटाचार पर बोलते  और उस सरकाऱ पुतला जलाते समय उन को अपंग  क्यों
रहना पड़ा जब भी देश के अन्दर सरकार नाकाम रहती है तो पुरा देश उस के अन्दर लपेटे में आता है तब वह लोग कहाँ
थे जो आज छाती कुटीर रहे हैं मिट्टी का तेल बरवाद कर रहे है, कया जब बी जे पी वाले महगांई की मार झेल रहे थे यह 
सुखी कैसे थे क्या कांग्रेस के अन्दर जो घोटाले हो रहे उस का कमीशन इन लोगों को मिलता था कि इन की छाती
इस क़ाबिल इस लायक नहीं कि देश में उस समय कुछ भी हो उस को नहीं कुटेगें नहा ही ज़ुबान खोलेगें कि कहीं देश की
बाक़ी जनता का भला ना हो जाये, देश के अन्दर आंतकवादी देश जो कर रहे हैं वह इन के भले के लिये है ,अब वह ज़ुबान क्यों खुली अब इन को महगंाई कहाँ  से दिखी क्या जब अन्धे थे अब ख़ुद देखो मोदी जी के आने से अच्छे दिन आये 
या नहीं अन्धों को आँखें मिल गयी बहरों को कान सुन ने लगे अपंग थे कुछ अपंगता ग़ायब हुई पर यह देश के लिये 
आई है ज़रा यह तो बताओ कि क्या भुखमरी इतनी आ गई ।
     देश के अन्दर  इस अन्दर इतना गहरा गढ्ढा इस कांग्रेस ने उस के सहयोगियों  ने करें  हैं क्या यह कुछ दिनौं 
मे भरा जा सकता है, क्या यह आसान है कि आग लगने पर जो लपटे उठती  है उस को बुझाने के लिये बहुत मेहनत करनी
पड़ती है  जो पिछली सरकार देश के अन्दर लगा गयी वह अनपढ़ उस सरकार के बफादार आज भी अन्धे हैं ओर देश को
खड़ा होने में सहयोग नहीं कर रहे  ओर आग लगा कर देश के अन्दर अराजकता , जातिवाद , महगंाई जैसे मुद्दों
 को कम करने की जगह  बढ़ावा दे रहे , जब पेट्रोल ओर डीज़ल  की दर बढ़ने पर कहते थे कि अन्तर्राष्ट्रीय दरो  रेट  बढ़ने से देश की अर्थ व्यवस्था में महगंाई बड़ी तो अब इन की ज़ुबान यह कहते क्याें ज़ख़्मी हो रही है
    अभी कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने कहा था कि हमारे कामों को जो  छोड़े गये है तो उस का विरोध होगा , ताे आज सरकार का सहयोग की जगह विरोध कुयूं , मोदी जी ने तीन महा का समय मँगा तो भी सहयोग नहीं कुयूं ज़ुबान  के ज़ख़्मी
कर के अपनी नकारमकता का परिचय दे रहे हैं 
 सही बात़है जो काँटे कांग्रेस वो गइ है उन को काटने समय लगेगा तब तब तो हम सब को सहयोग देना ही है,तब ही अच्छे दिन आयेंगे
 
बर 
 वे 

गुरुवार, 5 जून 2014

क्या हम यु पी पलट सकता है

आँच जो महिलाऔं पर आ रही है  पर क्या पलट सकते है हमारे नेता जी और मानयवर अखिलेश जी के अन्दर
बदलाव आया मुझे एहसास हुआ कि आज एकाएक पुरे प्रदेश एलान किया गया कि जो भी महिलाओं काअपमान करेगा
उनकी हत्या करेगा उस का वो अनंजाम होगा कि उसकी सात पुस्ते तक काँप जायेंगीं , सभी लोगों का दिलपलट 
जायेगा, हर जगह उन की जय जय हो रही है, सभी के आँसु सुखते जा रहे हैं।

     सवेरे जब आँख खुली ताे सामने अख़बार पडा़ था उस पर हैड़ लाइन थी कि  अमेठी  और एटा के
अन्दर भी लड़कियों का रेप और उन की हत्या , सरकार के बयान और भी शहरों के अन्दर कोइ नहीं देख रहा ,
क्या हमारी सरकार हर काम पड़ोसी देख कर करने है तो उन प्रदेश के अच्छे काम भी हाेतें है वह नज़र अन्दाज़
कुंयु कर रहे हो ,क्या मान ले कि प्रदेश राजनिती की चपेट में रहे और इस के अन्दर विकास ओर महिलाऔं
पर अत्याचार नहीं रुकेगा , सब बच्चों के रोज़ छाती से लिपटा कर रोयें , सवेरे लड़कियो घर से पड़ने जाये
शाम को पर अत्याचारीयों के अत्याचार की बातें सुन कर सब घरों मे काेहराम में मचे  और सरकार मिडा़या 
और ऊन लड़कियों पर ही उलटा आरोप लगा दें ,क्या हम सब को इन बातों को सहने के लिये जीना होगा, क्या यही 
समाजवाद है  तो जो समाजवाद में  बताया गया इस के मार्ग दर्शकों की बात क्या ग़लत थी और आज का समाजवाद,क्या मानें,क्या कभी प्रदेश की व्यवस्था पलटेगी