बुधवार, 28 जनवरी 2015

हमारा हिनदुसतान

हम रोज रोज,पड़ते हैं
बेटी के  अत्याचार पर , ओर बेटी को ही  समझाते हैं, समाज से डरो , कयों ?
आज बेटीयाें के सहारे बहुत काम देश के सरकारी ग़ैर सरकारी विभागों ने 
ऊँचाइयों पर पहुचँ जाते , बेटी देश का सममान है ,रानी लक्षमी बाई ने भी तो 
देश के सममान के लिये एक महायुद्ध किया था तब भी सेना मे जवानों ने उस का साथ 
दिया था, आज मानव रुपी इन्सान की अकल कहाँ गई कि नारी जाती के साथ 
अन्याय होने पर उसे दोष देता है, खुद दोषी बनने से कयों डरता है ,जब अन्याय करता है तो घबरा तो कयों है,
अदालतों मे वक़ील भी एेसे प्रश्न पुछते हैं जो कि सिर झुकाने के लिये बहुत हैं , वह यह कयों नही सोचता 
कि कभी यह अन्याय उस की बेटी के साथ हो तब भी यह प्रश्न पुछेगा , डाकटर भी अपनी रिपोर्ट गलत पेश करते है कयो? 
एेसे मे माँ का कया फ़र्ज़ है बाप का कया फ़र्ज़ है , कया वह बेटे को नही समझा नही सकते कि बहनों के साथ दुष्कर्म मत
करो।  माँ बाप जिस दिन ठांन ले कि लडके को गलत रासते पर नही जाने देगें, उस दिन बहुत सी नारी जाती पर अन्याय 
करने की हिममत कोइ नही कर सकता, माँ बाप जानते हुए भी अगर बेटे को गलत रासते पर जाने नही रोकेंगे 
तो बेटे का भविष्य तो अन्धकारमय हो गया उन का भी भविष्य समझो काला हो गया, जब बेटे की आँख बुरे काम की सजा के बाद खुलती है तो वही बेटा कहता है की काश । मेरे माँ बाप मेरी तरफ़दारी ना करते तो मैं पापी नही बनता,यह समाज के लोग मेरे बुरे कामों मे सहयोगी ना बनते तो मेरा आज,कितना चमकता मुझे समझाने वाला कोइ नही मिला, 
काश कोई तो मुझे गलत रासते पर जाने से रोकता ,,,,भई समय रहते अब भी लोग आँख खोले मोहब्बत की पयार की झुटी बातों को दिमाग से निकाल दे अगर अप का बच्चा गलत रासते पर जा रहा है रोके , कोइ समाज मे उस का साथ दे रहा है तो उस को रोके , दो शबद डाटं के बचचे के जीवन का पलट,दे तो कया बिगड़ता है? 

बस एक बार  कोई सुरु आत करे तो देखो कितना अचछा समय आप के जीवन मे आयेगा , बेटा है ,,अचछे काम 
करेगा तो आप का जग सुधरेगा उस का  आने वाला कल चमकेगा 
माँ बाप ही इस को रोक सकते है

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