शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

नक़ल

नक़ल बहुत छोटा शबद है
पर यह कया हमारे जीवन मे जरुरी है कि हम नक़ल कर के महान बने
कया नक़ल कर के हम अपने भविष्य को उज्जवल को बना सकते है।
हम जब पढ़ा करते थे तो नक़ल करने पर टिचर कि सजा मिलने पर घर वाले भी समर्थन करते है
जो सजा मिलती थी कई कई दिनों तक याद रहती थी ।
वैसे नक़ल तो हमारे देश मे हर जगह होती है विदेशी माल को नक़ल हुबहू बनाकर जनता को लूटा जाता है,भी तो नक़ल ही है।
कोई दोषी के इस अपराध पर सजा नही देता ।
नक़ल आज,की तारिख मे आम हो गई है समाचार मे इस को रोकने का जो व्याख्यान छपता है ,कया वह सच है
पकड़ा तो कोई शरीफ़ ही जाता है।
आज कल कोचिगं क्लास वाले तो गारंटी देते है कुछ भी हो बच्चा पीस हो कर रहेगा ,,माँ बाप उस की किमत अदा
करते है ,यह व्यापार कब तक चलेगा ,इस व्यापार से बचचो का भविष्य तो उज्जवल शायद हो क्योंकि माँ बाप ने
तो इस व्यापार मे अपना पार्ट अदा कर दिया , नक़ल करते पकड़े जाने पर उलटा टिचर को दोषी क़रार देने पर
बचचे का साथ,देते है ,कया यह मांबाप का सच्चा पयार है।
पढ़ाई तो लाल बहादुर शास्त्री जी ने भी करी कितनी मेहनत की आगे जी कर देश के पी एम बने ।
डा राजेन्द्र प्रसाद जी पढ़ाई कि तो देश के राष्ट्रपति बने ,बहुत से महान व्यक्ति है जिन के नाम देश मे आज भी सोने के
अक्षरों मे लिया जाता है ,
आज के बचचे कया जो नक़ल कर के पास होते कहाँ तक पास होगें ,कया अपने बचचों को भी इसी मार्ग पर चलायेंगे ,एक घटना याद आती है एक बच्चा बहुत शैतानी करता था पर माँ की ममता ने उसे अपराधी बना दिया ,एक दिन उस ने माँ के गले का ही हार भरे बाज़ार मे छीन कर भागा, ओरत ने मुकावला अंधेरे मे किया पर मुजरिम बना हुआ लड़का छिना झपटी मे घायल हो गया ,उस के गले पर खरोंचे भी आयी ओरत घर गयी पतिको बताया बोला ,अब रात हो रही है
सवेरे पुलिस मे रिपोर्ट करेंगे , बाप को मालुम था बेटा अभी घर नही आया , माँ बाप सो गये उन का बेटा ज़ख़्मी होने पर
चुपप चाप लेट गया , सवेरे पति ने कहा चलो रिपोर्ट करते है तो ओरत बोली मुन्ना को नाश्ता पानी करा दुँ तब चलेंगे बाप ने कहा यह लाड़,पयार कब तक माँ बोली तुम तो मुन्ना के पीछे लगे रहते तो बेचारा रात को मेहनत कर के आया है थर गया होगा सो रहा है जागने दो थोड़ी देर की बात,है बाप से नही रहा गया बेटे के कमरे मे गया देखा बेटा सो रहा है
ओर एक हार ओर कुछ ज़ेवर उसके पास पलगं के पास रखे थे  बाप को समझते देर नही लगी ,उस ने ग़ुस्से मे आ कर बेटे को जगाया ओर उस को जगाया तब बाहर से आवाज आयी नही माने ना बेटे के  चैन नही लेने देते कैसा बाप है कहते हुये
माँ अनदर आयी बेटे का चेहरा देखा तो बोली यह चेहरे पर चोंट कैसे आयी बोला रात को एक ओरत को कुछ लोग छेड़,रहे थे बचाने के चक्कर मे आयी तब उस की माँ बोली ओऱ कहा हट बुडिया तेरे काफी देर तक तू उस ओरत का बचाव करता रहा हाँ तभी माँ ने बेटे के गाल पर थप्पड़ मारा वो बुडिया ओरत मै ही थी तु जुर्म करते यह भी नही पहचान पाया वह मै हुँ पर कया करे तभी बाप ने सारे ज़ेवर सामने रख दिये यह पापी बहुत को लूट चुका है यह मेरे घर मे रहने लायक नही पर माँ से कुछ कहते नही बना तब बाप ने पुलिस को बुलाया सब बात बतायी पुलिस जब लडके को ले जाने लगी तो लडके ने कहा एक मिनट रुकिये मै प्रायश्चित्त कर ल् ओर लडके ने आगे बड़ कर माँ का काट लिया ,पुलिस ने पुछा यह कया लड़का बोला जब मै अपराध कर के घर आता था माँ ने कभी मुझे नही समझाया काश उस समय यह मुझे
जुर्म करते ,दगां करने से रोकती तो मै अपराधी नही बनता,,,,तो जो माँ बचचो कि पढ़ाई मे बाधक बनती है नक़ल कर के पास करने के लिये पैसा दे कर बचचे के  का भविष्य बनाने का सपना देखती है कया यह एक अचछा कार्य है कि बच्चा
बाँहों कर आप को ही दोष दे ।
   ओर जो टिचर पैसा लेकर उस को पास करते है वह भी धोखे मे है उन का गुनाहा भगवान दे ख रहा है उन को भी सजा मिलती है , नक़ल करा के पास कर के संकुन तो कर लेते हो पर दिल  पर हाथ रख क र सोचे कया यह सही करा
इस अपराध  के लिये  भगवान सजा जरुर  देता है ।
  अभी वकत है सँभल लेने  का वरना जैसी खेती कर रहे ह वैसा फल तो खाना ही पड़ता है पर उस फल मे  मिठा नही
जहर ही मिलता है  जो ना खाते बनेगा ना थूक ते बनेगा

अपना यह नक़ल कराने। वाले लोग बदले, अगर दुसरे  के घर मे आग लगाओगे तो लपटे  आप के घर पर जरुर  आयेगी 

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