सोमवार, 22 दिसंबर 2014

naya saal

ईंमानदार 

हमरेए देश के अंदर इम्मान दार भी बनना भी ज़रुरत है पहलए बहुत मिल जात्ये ठये अब कहतए हैं अब हम इम्मंदार हुमने कब कहा भाई आप बेईमान तभी सब कोशक हुआ पैर वहां ईमानदार सत्यबादी लोघ्ये के तरह पिघल गरम गर्म से भर निकला चारों तरफ शोर मचा लोगों ने उच्चा उछला भारत की meida को न जाने क्या हुआ जैसये धरती के नीचये लगा कोई इंसानी जीव निकला जसी के आम इंसान से अलग रूप हैं ,  जब खुल्ये रूप डेल्ही के मैदान उत्तर तो उत्तरा तो पता चला ठण्ड से निकला कोई सिकुड़ा हुआ इंसान है पैर तारीफ है देश के लिए मर मित्त्न्ये  की कसम खाई करप्शन खाई इस २०१३  के महा पुरुष ने सब ने सोचा देश का भला होगा हुमंये भी सोचा खुस हुए पर  तभी धरती मै चिपचिपा पन्न निकलना चालू होगया ,महापुरुष धम्भी  नेता ने अपना बिस्ला रूप धारण केर लिया करप्शन हत्त्ये हुए खुद कुरपत होयग्ये २०१३ समाप्त होने  का आगया ,मान्यवर इतहास के पन्नो पैर च से गए अपना रूप प्लाट लिया सां जैसये केचुली  पलट ली और न्यूज़ उनके नाम की गुण उन्ह गांए की अब कुछ अपनी नौकरी त्याग केर चल दिए इस कलयुग के महापुरुष के पसीछए इस का रूप ज़हरीला होगया पैर इस ने कुछ क्या करा या एक बार डेल्ही की जनता का मनं के अंदर घुस गया यह महा पुरुष बन्न गया २०१४ का पैर इस का मैं बिचलित था जैसये पूर्णये ज़माएँ मै तपस्या पूर्ण होंए पैर और लालसा बढ़ी की की धरती पैर सिद्धये स्वर्ग मेिे जाऊँ भाग लिए मिली हुई रोटी त्याग केर पहुँच गए शिवजी की नगरी में कहीं ठिकाना नमिला हनुमान जी के मंदिर पहुँचए वहां हनुमान जी का सोटा  पड़ा बैघर होगये गंगा मैया की कसम खाई की यहींसे स्वर्ग जाऊंगा पैर यह लात ऐसी पड़ीं की  क्या  मिला हैं बहुत बेशर्म जेल  भी घूम आय कसम खननए मेिे नो १ खहंना मिलये न मिलये कसम खाकर पेट भर  लेतये हें अब की बार २०१५ को चुनती दी है बंदए मेिे है दम  कसम खहाली हैं बस जीता तो ५  साल जींए न दूंगा इतना है दम 

  नया साल सब को मुबारक हो बस ५ साल तक मुबारक हो क्यूनी इनका साथ अपनी इनका  दिया तो हर साल यही हाल होगा अब समझना आपको आप है हर साल शुब्कममनाएं लेनी हैं या ५ साल मीईए एक बार क्यंकि एक बात है असिये माह पुरसु   रायता फािलत्ये  जात्ये हैं 

इनकी  बीमारी पेर्र  कुछ  नहीं कहना 

जाता हुआ साल जाएँ दो  आता  हूआ साल हो मुबारक 

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